कवर्धाक्राइममध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़

फर्जी कंपनी “काव्या इंडस्ट्रीज” के नाम पर 5.51 लाख की ठगी — आरोपी मिर्जापुर से गिरफ्तार

कबीरधाम पुलिस को आर्थिक अपराध एवं ऑनलाइन ठगी के मामलों में लगातार की जा रही कार्रवाई के तहत एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह के नेतृत्व और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र बघेल व पंकज पटेल के मार्गदर्शन में थाना कोतवाली कवर्धा की टीम ने फर्जी कंपनी बनाकर लाखों की ठगी करने वाले आरोपी मनोज श्रीवास्तव, पिता स्व. दयाशंकर श्रीवास्तव, उम्र 45 वर्ष, निवासी दाऊतपुर गोरखपुर (उ.प्र.) वर्तमान पता बंसुंधरा, गाजियाबाद को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है।

घटना का विवरण

प्रार्थी नवीन जैन, निवासी महावीर स्वामी चौक कवर्धा ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि आरोपी ने स्वयं को काव्या इंडस्ट्रीज का मैनेजिंग डायरेक्टर बताकर सुपर डिस्ट्रीब्यूटर बनाने का झांसा दिया और कुल 5,51,000 रुपये की ठगी की।
आरोपी ने विभिन्न खातों में रकम जमा करवाई, झूठे टैक्स इनवॉइस, ई-वे बिल तथा कंपनी के नाम से ई-मेल भेजकर विश्वास में लिया।

प्रार्थी द्वारा जब लखनऊ स्थित कंपनी के दिए गए पते की जांच की गई, तो वहां ऐसी कोई कंपनी मौजूद नहीं मिली।

पुलिस कार्रवाई

थाना कवर्धा में अपराध क्रमांक 87/2024 धारा 420 भा.द.वि. के तहत मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की गई।
आरोपी की लोकेशन के आधार पर टीम बिहार के पूर्वी चंपारण पहुँची, जहाँ आरोपी चकमा देकर भाग गया। इसके बाद निरंतर निगरानी के आधार पर आरोपी को 21.11.2025 की रात्रि में उत्तर प्रदेश के चुनार, जिला मिर्जापुर से हिरासत में लिया गया।

पूछताछ में आरोपी ने अपराध स्वीकार किया और बताया कि ठगी की गई रकम का उपयोग उसने स्वयं एवं संजीव मिश्रा (प्रतापगढ़, उ.प्र.) के साथ मिलकर किया है। संजीव मिश्रा अभी फरार है, जिसकी तलाश जारी है।

आरोपी आदतन ठग है और कई राज्यों में इसी तरह लोगों को आर्थिक नुकसान पहुँचा चुका है। आरोपी को 22.11.2025 रात 21.00 बजे विधिवत गिरफ्तार किया गया तथा परिजनों को सूचना दे दी गई।

कार्रवाई में शामिल अधिकारी

  • थाना कोतवाली प्रभारी निरीक्षक योगेश कश्यप
  • ASI राजकुमार चंद्रवंशी
  • DSB से ASI संदीप चौबे
  • HC चुम्मन साहू
  • अभिनव तिवारी

इनका विशेष योगदान रहा।

पुलिस की अपील

कबीरधाम पुलिस नागरिकों से आग्रह करती है कि अनजान व्यक्तियों द्वारा दिए जाने वाले व्यावसायिक प्रस्ताव, निवेश योजनाएँ या ऑनलाइन सौदों की सत्यता की जांच अवश्य करें। किसी भी प्रकार की ठगी या संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत निकटतम पुलिस स्टेशन में दें।

मुकेश अवस्थी

प्रधान संपादक

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