कबीरधाम में कलेक्टर का आदेश बेअसर : पटवारी कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं, किसानों को चक्कर लगवाए जा रहे

कवर्धा। जिले में कलेक्टर साहब ने 26 जून 2025 को लंबे समय से जमे पटवारियों का ट्रांसफर आदेश जारी किया। मंशा थी कि व्यवस्था सुधरे, किसानों को सुविधा मिले और हर हल्के में जिम्मेदार पदाधिकारी मौजूद रहें।
लेकिन नतीजा ठीक उलटा निकला। डेढ़ महीने बाद भी कई पटवारी पुराने पद पर डटे हैं। कुछ ने नई जगह ज्वाइन तो कर ली, लेकिन हल्का का रिकॉर्ड ऐसे संभाल रखा है मानो पैतृक विरासत हो—किसी कीमत पर नहीं देंगे। कहीं एक हल्के में दो-दो पटवारी, तो कहीं कोई नहीं।
किसानों के लिए अब नकल, आय, जाति, निवास जैसे काम करवाना धान रोपाई से ज्यादा मेहनत वाला हो गया है। दफ्तरों के चक्कर उनकी नई दिनचर्या बन गई है।
जिले में चर्चा है कि कलेक्टर का आदेश अब शादी का न्योता जैसा हो गया है—सबने पढ़ा, सराहा, लेकिन आधे लोग पहुंचे ही नहीं। फर्क बस इतना है कि शादी में खाली कुर्सी देख मेहमान परेशान होते हैं, और यहां खाली हल्का देखकर किसान।
लोगों का कहना है, आदेश कलेक्टर का है, लेकिन चल रहा है पटवारियों का…
बस, इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं हो रही—शायद इसलिए कि नोटिस बोर्ड को भी शर्म आ रही है।



