
किसी बड़ी सडक दुर्घटना के इंतजार में शासन प्रशासन,,सिर्फ सोसल मीडिया में सिमट कर रह गई जिले की पुलिस प्रशासन
बोड़ला – बोड़ला का मिलन चौक बना दुर्घटना ग्रस्त क्षेत्र जहाँ से प्रतिदिन लगभग 200 से अधिक हाईवा वाहन नो एंट्री जोन से होकर गुजर रही है। जिसके चलते कई छोटी बड़ी दुर्घटनायें घट रही है जिस पर प्रशासन कोई सुध नही ले रहा है ऐसे में बड़ा सवाल लोगों के जेहन में आता है की क्यों पुलिस प्रशासन इन बेलगाम हाइवा और ट्रक चालकों पर कार्यवाही नही कर पा रही है राजनीति दबाव या वजह कुछ और, ये सवाल लोगों के मन में बार बार उठता है। आखिर कहाँ गया जिला कलेक्टर का आदेश वाला बोर्ड जिस पर लिखा था की भारी वाहन प्रवेश निषेध आदेशानुसार जिला दंडाधिकारी कबीरधाम।

आखिर किसके इशारे पर चल रहे नो एंट्री रोड पर भारी वाहन क्यों पुलिस के हाँथ कांप रहे कार्यवाही करने पर*
बिलासपुर से आने वाले भारी वाहन कुंडा थाना क्षेत्र से सारंगपुर चौबट्टा होते हुए सीधे बोड़ला से होकर जबलपुर की ओर जाती है इस मार्ग पर बोड़ला दारू भट्टी संचालित है जहाँ सुबह से शाम तक मदिरा प्रेमी की भीड़ और अवैध चखना दुकान में लोगों की भीड़ किसी बड़े दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। आस पास के दर्जनों गांव का मुख्यालय बोड़ला है जहाँ ग्रामीणों का आवागमन बना रहता है इसके बावजूद हाईवा चालक इसी नो एंट्री में एंट्री कर शासन प्रशासन के नाक के नीचे से हाईवा दौड़ा रहे हैं जिसकी रफ़्तार नो एंट्री रोड में इतनी होती की जिसका नमूना स्वयं पूरा थाना स्टॉफ देखता है। नेशनल हाईवे के इस नो एंट्री जोन से लगा हुआ ही अनुविभागीय अधिकारी बोड़ला का कार्यलय है इसके बावजूद भी कार्यवाही का ना होना समझ से परे है।
कार्यवाही के आभाव में लाखों का राजस्व क्षति जिम्मेदार मौन
शासन के नुमाइंदे ही शासन को राजस्व क्षति पहुँचाने को आतुर है यदि भारी वाहन मुख्य मार्ग से आवागमन करें तो मुड़ियापारा स्थित टोल पर टोल भुगतान करना पड़ेगा ऐसे में वाहन चालक सीधे नो एंट्री में एंट्री कर शासन को चूना लगाकर अपना लागत कम कर रहे है जो कहीं ना कहीं बड़ी राजस्व क्षति है जिस पर शीघ्र ही कार्यवाही की जरुरत है जिससे दुर्घटना कम होगी और अतिरिक्त लाभ शासकीय कोष में आएगा। ऐसे वाहन चालकों पर कार्यवाही का ना होना ऐसा प्रतीत होता है मानो थाना क्षेत्र से सीधे इन्हे नो एंट्री में एंट्री देकर आने जाने की खुली छूट या पास जारी कर दिया गया हो। समय समय पर जिले में पुलिस की कार्यवाही छोटे वाहन चालकों पर की जाती है और सोसल मीडिया पर खूब वायरल भी किया जाता है ऐसे में प्रतिदिन 200 से अधिक भारी वाहन नियमों की बेखौफ़ धज्जियाँ उड़ा रहे है जिस पर कार्यवाही का ना होना नगर वाशियों के मन में यही सवाल खड़ा करता है की पुलिस कार्यवाही के नाम पर सोसल मीडिया में छाए रहते है और जिन पर कार्यवाही होना है वो बे रोक टोक आवाजही कर रहे है। इस विषय पर एस डी ओ पी कौशिक से बात हुई तो उन्होंने कार्यवाही हेतु उचित कदम उठाने की बात कही और शीघ्र आगे की कार्यवाही की जावेगी यह आश्वासन दिया।