20 लाख की स्ट्रीट लाइट योजना अधूरी, अंधेरे में नगर पंचायत बोड़ला का विकास

बोड़ला। नगर पंचायत बोड़ला की 19 लाख 96 हजार रुपये की स्ट्रीट लाइट योजना में खुला भ्रष्टाचार और लापरवाही उजागर हो गई है। स्टीमेट के अनुसार यहाँ 55 पोल लगाने थे पर above में टेंडर के कारण 50 पोल ही लगा।

अंडर ग्राउंड केबल का हिस्सा खम्भे के ऊपर से गया, इंजिनियर और विभाग ठेकेदार के आगे मजबूर
इस कार्य में 7 मीटर ऊँचे पोल, आधुनिक LED स्ट्रीट लाइट फिटिंग, HDPE पाइप बिछाने, अर्थिंग, पेंटिंग, वायरिंग और टर्मिनल बॉक्स लगाने जैसी व्यवस्थाएँ शामिल की गई थीं। लेकिन हकीकत यह है कि योजना का बड़ा हिस्सा अधूरा और घटिया ढंग से किया गया है।
सबसे बड़ी बात यह है कि लगाए गए पोलों पर लगी लाइटों में से आधी ही जल रही हैं, बाकी लाइटें बंद पड़ी हैं। इससे रात के समय अंधेरे में राहगीरों को परेशानी हो रही है और दुर्घटना का खतरा बना हुआ है।

पोल गाड़ने और वायरिंग के लिए सड़क की खुदाई की गई थी, मगर उसकी मरम्मत तक नहीं की गई। बरसात में यही गड्ढे अब गंदगी और कीचड़ से भर गए हैं, जिससे व्यापारी और राहगीर दोनों परेशान हैं।
त्योहारों के सीजन में दुकानों के सामने हालात बिगड़ने से व्यापारी आक्रोशित हैं। एक व्यापारी ने नाराज़गी जताते हुए कहा – “हमने 20 लाख का काम माँगा था, बदले में हमें अंधेरा और कीचड़ मिला।” वहीं एक ग्रामीण ने तंज कसते हुए कहा – “पैसा ठेकेदार और अफसर की जेब में गया, और जनता को सिर्फ गड्ढे और बंद लाइटें मिलीं।”

व्यापारियों ने अपनी पीड़ा बताई और बताया की सारा खेल कमीशन का है जिसके चलते ठेकेदार मनमाने तरीके से कार्य कर नगर की जनता को मिलने वाली लाभ पर सीधे डाका डाल रहा है।
Led लाइट पर भी उठ रहे सवाल कम रोशनी को लेकर आम जनता का कहना है कि led लाइट तय मानक अनुसार है कि नही इसकी जाँच होनी चाहिए।
लगभग 20 लाख की लागत से लगाई जा रही स्ट्रीट लाइट योजना में लापरवाही साफ झलक रही है। जगह-जगह लगे खंभों की नींव अधूरी छोड़ दी गई है, जिससे सरिये (लोहे की छड़ें) बाहर निकली हुई हैं। इन छड़ों के कारण बच्चों और जानवरों के कभी भी गंभीर दुर्घटना का शिकार होने की आशंका बनी हुई है।
नगर वाशियों और व्यापारीयों ने बताया कि कार्य अधूरा छोड़कर ठेकेदार और विभागीय जिम्मेदारों ने ध्यान देना बंद कर दिया है। बरसात के दिनों में गड्ढ़ों और खुले सरियों से फिसलने व चोट लगने की घटनाएं हो रही हैं। वहीं, अधूरी फिनिशिंग से यह कार्य घटिया और असुरक्षित साबित हो रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब योजना पर लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं तो इसका काम पूरा और सुरक्षित होना चाहिए था। परंतु आधा-अधूरा निर्माण जनता के लिए परेशानी का सबब बन गया है।
नगरवाशियों ने जिला प्रशासन और नगर पंचायत से मांग की है कि अधूरे काम को तुरंत पूरा कराया जाए, बाहर निकले सरियों को हटाया जाए और फिनिशिंग कार्य जल्द से जल्द किया जाए, ताकि दुर्घटनाओं से बचाव हो सके।
व्यापारी और आम जनता प्रशासन से यह मांग करती है कि इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कर दोषी ठेकेदार और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
ठेकेदार शिव गुप्ता ( पांडातराई ) ने इस विषय पर कहा की स्टीमेट के हिसाब से above में लिया हूँ इसलिए 55 पोल की जगह 50 लगाया हूँ और स्टीमेट में रिपेयरिंग का नही है इसलिए रिपेयरिंग नही होगा।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी ( सी एम ओ ) ने इस पर कहा कि ठेकेदार को कार्य मरम्मत और लोहे कि निकली सरिया को दुरुस्त करने आदेशित करता हूँ, दो तीन दिन के भीतर कार्य पूर्ण हो जायेगा।