श्रद्धानंद बलिदान दिवस पर आचार्य योगेश भारद्वाज का प्रेरक उद्बोधन, स्वामी श्रद्धानंद के धर्मान्तरण विरुद्ध संघर्षो को लोगो ने जाना

पोंडी – महान देशभक्त, समाज सुधारक एवं शिक्षा के प्रखर संवाहक स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती के बलिदान दिवस की पुण्य तिथि पर सनातन संस्कार समिति के तत्वावधान में एक दिवसीय प्रेरक उद्बोधन कार्यक्रम का आयोजन रविवार को पोंडी स्थित गायत्री गुरुकुल स्कूल परिसर में किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्र के अनेक गणमान्य नागरिक, शिक्षक, विद्यार्थी एवं सनातन विचारधारा से जुड़े लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता क्रांतिकारी सनातन वैदिक प्रवक्ता आचार्य योगेश भारद्वाज रहे। अपने ओजस्वी और प्रेरणादायक उद्बोधन में उन्होंने स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती के जीवन, विचारों और उनके राष्ट्रहित में दिए गए योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला।

आचार्य योगेश भारद्वाज ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद आर्य समाज के महान संन्यासी, समाज सुधारक और राष्ट्र जागरण के अग्रदूत थे। उन्होंने देश में वैदिक शिक्षा के प्रचार-प्रसार, सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन तथा विदेशी शासन के विरुद्ध जनचेतना जागृत करने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की स्थापना उनके शिक्षा क्षेत्र में दिए गए अमूल्य योगदान का जीवंत उदाहरण है।
उन्होंने बताया कि स्वामी श्रद्धानंद ने धर्मांतरण के विरुद्ध संघर्ष, नारी शिक्षा, छुआछूत उन्मूलन और स्वदेशी आंदोलन और देश की आजादी में मजबूती प्रदान की। उनका संपूर्ण जीवन राष्ट्र, धर्म और समाज के लिए समर्पित रहा। आचार्य भारद्वाज ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद का बलिदान हमें यह संदेश देता है कि राष्ट्र और संस्कृति की रक्षा के लिए त्याग सर्वोच्च कर्तव्य है।
अपने संबोधन में उन्होंने आज की युवा पीढ़ी से आह्वान किया कि वे स्वामी श्रद्धानंद के आदर्शों को अपनाकर राष्ट्रभक्ति, चरित्र निर्माण और सनातन संस्कृति की रक्षा में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि ऐसे महापुरुषों का स्मरण केवल पुष्पांजलि तक सीमित न होकर उनके विचारों को जीवन में उतारने से ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित श्रोताओं ने आचार्य योगेश भारद्वाज के विचारों को गंभीरता से सुना और स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती के दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम के अंत में सनातन संस्कार समिति के सदस्यों द्वारा आचार्य योगेश भारद्वाज का आभार व्यक्त किया गया तथा भविष्य में भी इस प्रकार के वैचारिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की बात कही गई।इस दौरान आयोजक समिति सदस्यों में राजकुमार वर्मा, स्वामी अशोकानंद,मनोहर साहू, हजारी राम चंद्रवंशी,दुर्योधन पाली, शिवकुमार निषाद,शत्रुहन वर्मा,हरीश साहू,ओमकार राजपूत, रवि राजपूत, अर्जुन पाली,सहित समिति के सदस्य मौजूद रहे।




