मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़

सरकारी हॉस्पिटल में मनमानी : खून जांच के नाम पर ग्रामीणों से लूटे जा रहे पैसे, कभी- कभार आते हैं डॉक्टर

मोहला । छत्तीसगढ़ मोहला के सरकारी अस्पताल में खून जांच के नाम पर गरीबों से ज्यादा पैसे लेने की बात सामने आई है। कौड़ीकसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ प्रभारी डॉक्टर हितेश मार्शल पिछले कई महीनो से नहीं आ रहे हैं। डॉक्टर अपनी फर्जी उपस्थिति दर्ज कर वेतन अहरण करते आ रहा है वहीं बिना किसी सरकारी निर्देश के खून जांच के नाम पर लैब टेक्नीशियन शालिनी पटेल के द्वारा आम गरीब आदिवासी ग्रामीण मरीजों से जांच के नाम पर रोजाना मनमाने दर पर रूपय लिये जा रहे है। यह सिलसिला विगत कई महीनो से चलते आ रहा है। लगातार शिकायत मिलने के बाद आज पंचायत प्रतिनिधियों ने अस्पताल में दस्तक देकर पड़ताल किया तो सामने आया कि, वसूली जा रही रकम बैंक के जीवनदीप समिति या अन्य खाते में जमा ही नहीं हो रहा है। 

उल्लेखनीय है कि, आर्सेनिक पीड़ित ग्राम कौड़ीकसा ग्राम पंचायत में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मे बिना किसी सरकारी निर्देश के विगत कई महीनो से मलेरिया, टाइफाइड, एचबी आदि खून जांच के नाम पर लैब टेक्नीशियन शालिनी पटेल अस्पताल पहुंचने वाले आम गरीबों से खून जांच के नाम पर मनचाहा पैसे लिए जा रहे हैं। लगातार शिकायतों के मिलने के बाद आज पंचायत प्रतिनिधियों ने इसकी जानकारी लेने अस्पताल पहुंचने के साथ आम लोगों से किस सरकारी आदेश के तहत खून जांच के नाम पर रुपए मांगे जा रहे हैं। पैथोलॉजी जांच शुल्क विवरण प्रदर्शित चस्पा के संबंध में संज्ञान लिया गया तो उक्त संबंध में प्रभारी डॉक्टर हितेश मार्शल तमतमा गए और उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों को सीधे तौर पर कहा कि, अस्पताल के मेंटेनेंस खर्च के लिए हम मरीजों से पैसे ले रहे हैं जो कि, जायज है।

कभी- कभी आते हैं अस्पताल 

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ प्रभारी डॉक्टर हितेश मार्शल और सरकारी अस्पताल के संचालक को लेकर ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी का अस्पताल व्यवस्था को लेकर किसी तरह का नियंत्रण नहीं दिख रहा है। एमबीबीएस डॉक्टर हितेश मार्शल 10 नवंबर को 2 वर्ष के बांड पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कौड़ीकसा में पदस्थ हुए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि, वे राजनांदगांव में निवासरत है और लगातार अनुपस्थित रहते हैं. कभी कभार मन किया तो अस्पताल आ जाते हैं और पूरे अनुपस्थित समय का फर्जी उपस्थिति दर्ज कर वापस  लौट जाते हैं।

खून जांच का निर्धारित नहीं है शुल्क 

बीएमओ श्री धुर्वे ने बताया कि, सरकारी तौर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध लैब में खून जांच का किसी तरह का रुपए लेने का निर्धारण नहीं है। अगर इस तरह का कोई शिकायत आ रही है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

पैथोलॉजी जांच में शुल्क विवरण नहीं

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कौड़ी कसा मे खून जांच के नाम पर आम ग्रामीणों से लिए जा रहे रकम को लेकर किसी तरह का सरकारी आदेश नहीं है और ना ही अस्पताल प्रबंधन के द्वारा पैथोलॉजी जांच शुल्क विवरण प्रदर्शित किया गया है।

सरकारी खाते के बजाय डॉक्टर की जेब में जा रहे पैसे 

सरकार के सरकारी अस्पताल में आम गरीबों के इलाज के नाम पर किस तरह से भ्रष्टाचार किया जा रहा है इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अस्पताल प्रबंधक द्वारा खून जांच के नाम पर महिनों से किये जा रहे वसूली की रकम  जीवनदीप समिति या अस्पताल के सरकारी बैंक अकाउंट में जमा करने के बजाय सीधे इन रूपयो का आपस में बंदर बांट किया जा रहा है जो जांच का विषय है।

अस्पताल का खर्च चलाने के लिए ले रहे हैं पैसे  

कौड़ीकसा के प्रभारी डॉक्टर हितेश मार्शल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि, अस्पताल का खर्च चलाने खून जांच का शुल्क लिया जा रहा है।

मुकेश अवस्थी

प्रधान संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

क्षमा करें ! कॉपी नहीं की जा सकी !