UP Election 2022: पंजाब के सीएम चन्नी के बयान पर सियासी उबाल; भाजपा, सपा और बसपा ने प्रियंका गांधी पर निशाना साधा
लखनऊ। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के एक बयान पर उत्तर प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया है। भाजपा के साथ ही सपा व बसपा ने भी चन्नी के बयान पर कांग्रेस और प्रियंका गांधी वाड्रा पर जमकर निशाना साधा है। दरअसल, चन्नी ने मंगलवार को प्रियंका गांधी वाड्रा की मौजूदगी में पंजाब में कहा था कि, ‘एक साथ हो जाओ पंजाबियों, यूपी के, बिहार के, दिल्ली के भइये यहां आकर राज करना चाहते हैं न, उन्हें फटकने नहीं देना है।’ चन्नी के इस बयान के बाद प्रियंका गांधी हाथ उठाकर ताली बजाने लगती हैं। यह वीडियो वायरल होते ही सपा, बसपा ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया।
बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट किया… ‘पंजाब के कांग्रेसी सीएम ने शीर्ष नेतृत्व की मौजूदगी में यूपी व बिहार के लोगों का जिस प्रकार से अपमान किया है वह अति शर्मनाक है। ऐसे में इन दोनों राज्यों के लोग कांग्रेस को पंजाब व यूपी में भी हो रहे विधान सभा आम चुनाव में जरूर सबक सिखाएं। बिहार के लोग भी इसका जरूर उचित संज्ञान लें। ‘समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने चन्नी के इस बयान को संविधान के खिलाफ बताया है। उन्होंने कहा कि यह तरीका ठीक नहीं है। देश में कोई कहीं जा सकता है। वोट के लिए इस तरह का जहर बोना पंजाब के सीएम को शोभा नहीं देता है। समाजवादी पार्टी उनके इस बयान की कड़ी निंदा करती है।
पुराने कांग्रेसी बोले अब किस मुंह से वोट मांगेंगी प्रियंका : पुराने कांग्रेसियों ने भी प्रियंका के सामने चन्नी के बयान की निंदा करते हुए कहा कि अब प्रियंका किस मुंह से यूपी में वोट मांगेंगी। कांग्रेस के पूर्व सांसद संतोष सिंह ने कहा कि प्रियंका पंजाब के लिए तो बाहरी ही हैं। चन्नी के बयान पर प्रियंका जिस तरह ताली बजा रही हैं वे यूपी के लोगों का अपमान कर रही हैं। इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस को यूपी में पूरी तरह विनाश करने में लगी हैं। यह बयान संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। यह यूपी व बिहार का अपमान है। अब प्रियंका को कोई हक नहीं रह गया कि वे यूपी में वोट मांगें। वहीं, राहुल गांधी की टीम में काम कर चुके युवा नेता कोणार्क दीक्षित कहते हैं कि प्रियंका गांधी वाड्रा ने ‘सेल्फ गोल’ कर लिया है। वे यूपी की इंचार्ज हैं ऐसे में वे प्रदेशवासियों को क्या जवाब देंगी। उन्होंने बैठे-बैठाए भाजपा व अन्य दलों को मुद्दा दे दिया। उनके अंदर जरा भी गंभीरता नहीं है, अगर होती तो इस तरह ताली न बजा रही होतीं।
वहीं बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि सतगुरु रविदास जी का संदेश है कि धर्म राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ की पूर्ति के लिए नहीं है, बल्कि ये समाजसेवा और जनचेतना का माध्यम है, जिसे सरकारों ने पूरी तरह से भुला दिया है। इसी वजह से अमन-चैन, आपसी भाईचारा व सुख समृद्धि का वातावरण काफी कुछ गायब है, जबकि वोटों के स्वार्थ की खातिर सतगुरु व उनके उपदेशों की हमेशा उपेक्षा करने वाले नेतागण उनको माथा टेकते हैं।
पंजाब के सीएम का बयान संवैधानिक पद की गरिमा के विपरीत : ओवैसी – यूपी व बिहार के लोगों पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा दिए गए विवादित बयान को आल इंडिया मजलिस-ए- इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने संवैधानिक पद की गरिमा के विपरीत बताया है। ओवैसी ने कहा कि चन्नी का पूरा बयान उन्होंने सुना है और यह सरासर गलत है। उन्हें ऐसा कहना शोभा नहीं देता।ओवैसी बुधवार को राजधानी में थे और यहां उन्होंने भागीदारी परिवर्तन मोर्चा के पीस पार्टी के साथ गठबंधन करने की घोषणा की। इस मौके पर पीस पार्टी के अध्यक्ष डा. अयूब भी मौजूद थे। भागीदारी संकल्प मोर्चा में ओवैसी की एआइएमआइएम व पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा के नेतृत्व वाली जन अधिकारी पार्टी सहित कुछ अन्य पार्टियां शामिल है।
ओवैसी ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी द्वारा दाेबारा सरकार बनने पर समान नागरिक संहिता लागू किए जाने के वादे पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कहा कि मैंने उनका चुनावी घोषणापत्र पढ़ा है, इसका कहीं उल्लेख नहीं है। उन्होंने ऐसा अंत में कहा। वह ऐसा चिंता के कारण कह रहे हैं, क्योंकि उनके नीचे की जमीन खिसक गई है। चुनाव प्रचार के दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी द्वारा गर्मी और शिमला वाले बयान पर तंज कसते हुए कहा कि वह मौसम विज्ञानी हो गए हैं। आगे उन्हें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन कांफ्रेंस में भेजा जाना चाहिए। इस मौके पर जन अधिकारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मोर्चा के संयोजक बाबू सिंह कुशवाहा ने कहा कि जानबूझकर उनके 22 प्रत्याशियों के पर्चे खारिज किए गए। खलीलाबाद में गठबंधन की संयुक्त रैली होगी जिसमें मंच पर एक साथ ओवैसी व डा. अयूब होंगे। अब तक यह गठबंधन 310 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुका है और इसमें 99 सीटों पर एआइएमआइएम के प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। 50 सीटों पर अब तक पीस पार्टी ने प्रत्याशी उतारे हैं।