तुलसी का जीवन नाटक मंचन के साथ पंच दिवसीय तुलसी जयंती समारोह का समापन मानस मंडल के सराहनीय आयोजन की वक्ताओं द्वारा की गई सराहना

मानस मंडल द्वारा नगर में निकाली गई तुलसी शोभा यात्रा के साथ प्रारंभ हुए पांच दिवसीय तुलसी जयंती समारोह का समापन पूर्ण भव्यता के साथ खचाखच भरे सभागार में उपस्थित श्रोताओ, दर्शकों के जयघोष के बीच मंचित किए गए तुलसीदास के जीवन वृत्त पर आधारित नाटक के जीवन्त मंचन पर दर्शको ने तालियो की गड़गड़ाहट से नाट्य कर्मियो का स्वागत किया।मानस मंडल द्वारा अद्वितीय कल्पनाशीलता के साथ शुरू किए गए पांच दिवसीय कार्यक्रम हेतु मानस मंडल के अध्यक्ष की सराहन करते हुए कार्यक्रम में पधारे हुए मुख्य अतिथि और विद्वान वक्ताओ तथा मानस मंडल के संस्थापक अध्यक्ष डॉ सज्जन सिंह ने किए जा रहे कार्यक्रमों से गदगद होते हुए तुलसी जयंती समारोह के पांचो दिवस सम्पन्न व्याख्यान एवं शोभा यात्रा तथा नाटक मंचन को मानस मंडल की ओर से रीवा नगर के लिए अनुपम भेट बताया।पाच दिवसीय कार्यक्रम के समापन अवसर पर सर्वप्रथम आयोजन में पधारे मुख्य अतिथि डॉ. बालकृष्ण पांडे प्रयागराज, बाबा तुलसीदास प्रयागराज, ब्रह्मचारी जी पंचमठा आश्रम, मानस मंडल के अध्यक्ष सुभाष बाबू पांडे,उपाध्यक्ष पीयूष त्रिवेदी, प्रचार सचिव शिव शंकर दीक्षित, सचिव अशोक तिवारी,राम सहाय मिश्र, कीर्ति प्रसाद द्विवेदी, महेंद्र सर्राफ, डॉक्टर के.के. परोहा द्वारा राम दरबार एवं गोस्वामी तुलसीदास जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ कार्यवाही प्रारंभ हुई, स्वागत भाषण कीर्ति प्रसाद द्विवेदी एवं कार्यक्रम का संचालन राम सहाय मिश्र द्वारा किया गया। इस अवसर पर संत बाबा तुलसीदास ने राम नाम की महिमा का विश्लेषण करते हुए मानस के विभिन्न प्रसंगो का उल्लेख किया। पंचमठ रीवा के ब्रह्मचारी जी ने गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस को समाज में हर वर्ग के व्यक्तियों के लिए मर्यादित एवं परस्पर प्रेम सदाचार के साथ जीवन जीने की आचार संहिता प्रतिपादित की। मुख्य अतिथि डॉक्टर बालकृष्ण पांडे ने विश्व भर में तुलसी साहित्य के विस्तार एवं प्रभाव का उल्लेख करते हुए बताया कि विश्व के अनेकों देश जैसे मॉरीशस, इंडोनेशिया,फिजी सहित अनेको देशो में तुलसी साहित्य का गंभीरता से अध्ययन एवं रामलीला का मंचन हो रहा है। यह हमें दर्शाता है कि तुलसीदास के साहित्य मे सामाजिक सौहार्द का विश्व भर मे पूरी व्यापकता के साथ प्रभाव देखने को मिलता है।मानस मंडल के संस्थापक अध्यक्ष वयोवृद्ध एवं प्रतिष्ठित समाजसेवी डॉ सज्जन सिंह ने अपनी अस्वस्थता के पश्चात भी कार्यक्रम में उपस्थिति देकर समग्रता के साथ किए गए आयोजन के प्रति भाव विभोर होते हुए अध्यक्ष श्री सुभाष बाबू पांडे को उनके प्रयासों तथा मानस मंडल के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु निरंतरता के साथ किये जा रहे कार्यक्रमों के प्रति संतोष व्यक्त किया। तथा यह भी कहा कि आज जिस प्रकार से नगर वासियों ने उपस्थित होकर मानस मंडल के आयोजन को आशीर्वाद दिया है यह गोस्वामी तुलसीदास जी के संदेश के अनुपालन की दिशा में किया गया सर्वोत्तम प्रमाण है।उन्होंने आगे भी इसी प्रकार कार्यक्रमों की निरंतरता बनाए रखने के लिए मानस मंडल के अध्यक्ष से अपेक्षा की तथा विश्वास व्यक्त किया कि निश्चित ही उनके द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया आगे बढ़ती रहेगी। अंत में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभागी विद्यालय/ महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह संस्थापक अध्यक्ष डॉ सज्जन सिंह के करकमलो से वितरित किया गया। मुख्य अतिथि डॉ बालकृष्ण पांडे, बाबा तुलसीदास, ब्रह्मचारी जी पंचमठा श्री अरविंद तिवारी रमेश प्रताप सिंह,डॉक्टर अरुणा पाठक एवं अन्य वक्ताओं का शाल श्रीफल सहित मानस मंडल का प्रतीक चिन्ह रामचरितमानस भेंट करते हुए अध्यक्ष सुभाष बाबू पांडे उपाध्यक्ष पीयूष त्रिवेदी प्रचार सचिव शिव शंकर दीक्षित सच इन अशोक तिवारी ने सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में मानस मंडल के सहयोग से अमर द्विवेदी द्वारा गोस्वामी तुलसीदास के जीवनवृत्त पर तैयार किए गए नाटक का पूर्ण भव्यता व कुशलता के साथ जीवन्त मंचन किया गया। जिसे देखकर उपस्थित दर्शकों ने भूरि भूरि प्रशंसा की व मानस मंडल अध्यक्ष से पुनः ऐसे आयोजन किए जाने हेतु मांग रखी।
श्री सुभाष बाबू पांडे अध्यक्ष ने उपस्थित अतिथियों एवं दर्शकों का आभार व्यक्त करते हुए मानस मंडल द्वारा तुलसी साहित्य के प्रचार प्रसार एवं सामाजिक चेतना को जागृत किये जाने हेतु किये जा रहे आयोजनों की रूपरेखा बताते हुए निरंतर इस क्रम को बनाए रखने का आश्वासन दिया।तथा यह भी कहा कि हम उन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु अपने सीमित संसाधनों के वाबजूद समाज के बीच में उपस्थित हो रहे हैं जिनके लिए इस मानस मंडल का गठन किया गया है। आज के कार्यक्रम में अनेकों विशिष्ट व्यक्तियों के साथ ही सैकड़ो लोगों ने उपस्थिति देकर आयोजन को गरिमा प्रदान की जिसमें सर्वश्री डॉ. कैलाश तिवारी, राम सहाय मिश्र,आर.बी. मिश्रा चंद्रशेखर गौतम कीर्ति प्रसाद द्विवेदी, महेंद्र सराफ, लाल जी शर्मा, डॉक्टर गंगा नंदन मिश्र,अवधेश श्रीवास्तव, रेवा शंकर अवस्थी बी के मिश्रा पवन कुमार पांडे, अशोक सिंह श्री रघुनाथ सिंह, रमन मिश्रा,गणेश पान्डे,रामनिवास मिश्रा, डॉक्टर विपिन दुबे, डॉक्टर रमेश प्रताप सिंह,डॉ रमाकांत त्रिपाठी, शिवलाल तिवारी, शिव बृजराज तिवारी, अनिल शुक्ला, रामानुज द्विवेदी, श्रीमती रेखा पान्डे, राजेश शुक्ला, सार्जेंट रमेश प्रसाद पांडे, हीरालाल त्रिपाठी, श्रीमती विमलेश मिश्रा, नारायण डिगवानी, सुरेश मिश्रा, सीता मिश्रा,उमेश पांडे राजमणि मिश्रा, परमेश्वरी त्रिपाठी, शेर बहादुर सिंह परिहार, यश. के. चतुर्वेदी, दीपक मिश्रा,संजीव श्रीवास्तव,राजेंद्र सिंह बघेल, डॉ अरुणा पाठक अन्नपूर्णा सिंह, डॉक्टर सी.डी.दुबे, मुकुंद प्रसाद मिश्रा, प्रोफेसर अरुण शुक्ला,आर. बी. द्विवेदी,राजेश भला,प्रेम शंकर सिंह दीपक तिवारी,एडवोकेट पवन तिवारी, आदि उपस्थित रहे।