स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही – वायरल फीवर के दौर में बैरख का उपस्वास्थ्य केंद्र बंद

बोड़ला- वानंचल ग्राम बैरख में स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही ने बैरख गांव के बैगा और आदिवासी समुदाय को संकट में डाल दिया है। गांव में बना उपस्वास्थ्य केंद्र बैरख में आज बंद रहा है, जबकि इन दिनों पूरे क्षेत्र में वायरल फीवर का प्रकोप फैला हुआ है।
स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर करोड़ों की योजनाएं और बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि जब गरीब और आदिवासी परिवार इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो वहां तालाबंदी मिली। मजबूरन लोग निजी दवाखानों में महंगे इलाज के लिए कर्ज लेने को विवश हो रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार केंद्र में एक महिला स्वास्थ्यकर्मी मातृत्व अवकाश पर हैं। वहीं दूसरा कर्मचारी राहुल कोसमा निजी काम से बेमेतरा गया हुआ है। ऐसे में उपस्वास्थ्य केंद्र बंद पड़ा है और जरूरतमंद मरीज इलाज से वंचित हैं।
सरकार का “आयुष्मान भारत” और “आरोग्य मंदिर” जैसे नारे सिर्फ दिखावे के अलावा कुछ नहीं हैं। भवन बनाकर फोटो खिंचवाना आसान है, लेकिन बीमार जनता को दवा और डॉक्टर मुहैया कराना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है, जिसे विभाग निभाने में नाकाम साबित हो रहा है।
गंभीर सवाल यह है कि –
जब वायरल फीवर जैसी बीमारियां गांव-गांव फैल रही हैं तो स्वास्थ्यकर्मी कहां हैं?
आदिवासी समुदाय के लिए बने उपस्वास्थ्य केंद्र का ताला खोलने वाला कौन है?
प्रशासन कब तक आंखें मूंदे रहेगा?
इस विषय पर खण्ड चिकित्सक अधिकारी पुरसोत्तम राजपूत से जानकारी चाही गई तो उन्होंने कहा कि ऐसा कभी होता तो नही पर जानकारी मिली है तो जाँच करेंगे।