आदिवासी क्षेत्र का आंगनबाड़ी केंद्र बंद,बच्चों के अधिकारों पर संकट

बोड़ला ब्लॉक के धनवाही,चेंद्रादादर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र 20 सितम्बर को निरीक्षण के दौरान निर्धारित समय (सुबह 9:30 से शाम 3:30 बजे) में भी बंद पाया गया। केंद्र का ताला बंद देख ग्रामीणों में नाराज़गी है, क्योंकि यह केंद्र 5 वर्ष तक के बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने और उन्हें कुपोषण से बचाने का दायित्व निभाता है। साथ ही कुछ अन्य केंद्र भी बच्चों को भोजन कराकर समय से पहले ही बंद कर दिए गए।

आंगनबाड़ी का उद्देश्य छोटे बच्चों के साथ-साथ गर्भवती एवं धात्री माताओं तक पोषण आहार पहुँचाना है। लेकिन केंद्र बंद रहने से गरीब और बैगा आदिवासी परिवारों तक यह सुविधा नहीं पहुँच पा रही है।
जब इस बारे में सुपरवाइज़र से पूछा गया तो उन्होंने जानकारी दी कि कर्मचारी KYC कराने गए हैं। सवाल यह उठता है कि जब सहायिका की जिम्मेदारी केंद्र में रहकर बच्चों को भोजन उपलब्ध कराना है, तो केंद्र को बंद करके KYC क्यों किया जा रहा है?

इस संबंध में प्रभारी परियोजना अधिकारी चंचल यादव ने कहा कि “केंद्र का बंद रहना गंभीर विषय है। यदि कार्यकर्त्ता KYC करने जाते हैं, तो सहायिका को केंद्र में रहना चाहिए और बच्चों को मिलने वाली पोषण आहार व्यवस्था बराबर संचालित होनी चाहिए।”
ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस तरह की लापरवाही पर रोक नहीं लगी, तो बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर विपरीत असर पड़ेगा। उन्होंने विभाग से मांग की है कि आंगनबाड़ी संचालन में जवाबदेही तय की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।