कवर्धामध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़

रीवा में सत्ता का भय एवं आतंक, भ्रष्टाचार तथा अराजकता का माहौल – अभय मिश्रा

रीवा. उप मुख्यमंत्री द्वारा सत्ता के दुरूपयोग से रीवा मे भय एवं आतंक का माहौल, महिला अधिकारियों के साथ बार-बार बद्तमीची, राजेन्द्र शुक्ला जी गुर्गो के माध्यम से जो भी कर रहें है जनता सब जानती है आज के परिदृश्य में मान् शुक्ला जी राजनैतिक लिवास में पल रहें अपराधियों, शराब तस्करों, जमीन माफियाओं के संरक्षक है, एवं इसी तरह के लोगों के साथ लगातार रहकर उसी सोच के हो चुके है। उन्हें प्रतिष्ठित व्यक्ति होने की गलत फहमी है वे प्रतिष्ठत थें है, नही ?
विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले मुझे सत्ता के प्रभाव से बाधित करने एवं आवाज बन्द करने की कोशिश के चलते कल 25 जुलाई को मेरे विरुद्ध


झूठी एफआईआर दर्ज कराई गई है। मैं विपक्ष से कॉंग्रेस का विधायक हूँ सत्ता आपकी है यदि मैं गलत था तो नियमन दोपहर 12 बजे ही मेरे विरूद्ध एफआईआर क्यों नही दर्ज हुई 12 घन्टें उपद्रवी अपराधिक प्रवृत्ति के लोगो द्वारा थाने पहुच कर उनके उत्पात एवं दवाब में मामला दर्ज किया जाना स्वयं सिद्ध करता है कि मामले में मेरा नाम राजनैतिक दबाब के चलते शामिल किया गया है। धरना प्रदर्शन तो ड्रामा था स्क्रिप्ट श्रीमान् शुक्ला जी तैयार कर मैच
फिक्स कर चुके थे, सेमरिया में केवट हत्याकाण्ड हो या गुढ़ का सामूहिक बलात्कार काण्ड हो बड़े-बड़े प्रदर्शनों के बाद भी प्रशासन के कान में जू नहीं रेगी और सामान्य मारपीट के काण्ड में मेरा नाम जोड़ने हेतु पूरी व्यूह रचना रची गई जिस व्यक्ति की उगली काट कर अपंग कर दिया गया आरोपी के नाम पर
गैरजमानती धारा मे एक दिवस पूर्व प्रकरण पंजीबद्ध है और मुजरिम थाने में बैठकर प्रदर्शन में शामिल हो उस पर कोई कार्यवाही नही, मीडिया में भी कोई चर्चा नही, थाने परिसर में जिले की वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारी तक को अमर्यादित शब्दों से नवाजा जा रहा है और यही पर पुलिस द्वारा ऐसे लोगों की आवभगत की जा रही है। इन्हीं लोगो द्वारा 3/2 वर्ष पूर्व विधानसभा चुनाव के दौरान विश्वविद्यालय थाने में ऐसी ही घटना एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ की थी जबकि हंगामे में सामिल सभी लोग शहर के जाने पहचाने अपराधी है, ऐसा लगता है कि रीवा जिले को हिस्सेवाट में भ.प्र.सरकार से हटकर स्वराशित जिला बना दिया गया है जिसका मुख्यमंत्री कोई
और है जिले मे भाजपा के सभी विधायक मौन होकर सबकुछ सह रहें है।
विधायक बनना रोजगार पाने जैसा हो गया है। मे खुलकर सभी विषयों विपक्ष की भूमिका का निर्वहन करता हूँ। इसलिये मुझे झूठे मुकदमों बार-बार फसाने
का प्रयास किया जाता है राजेन्द्र शुक्ला जी की भविष्य में मेरी हत्या कराने की योजना है। जिसके लिये अभी से मेरी अपराधिक पृष्ट भूमि वाली छवि बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है । थाने परिसर के अन्दर मां की गालियों के नारे लगाने वाले लोग शुक्ला जी के कसीदें पढ़ने हेतु प्रेस कांफेन्स
करतें है, एवं साथ रहकर मंच साझा करते है तत्संबंध में पुलिस अधीक्षक रीवा को लिखित शिकायत प्रेषित है। मेरे बिरुद्ध नाम लिखाने वाला तो बच्चे जैसा है व इसी प्रकरण में सुबह फेसबुक में दिवाकर द्विवेदी को आरोपी बनता है। फिर मीडिया में दिये बयान में किसी और का नाम लेता है। थाने में दिये गये प्रथम आवेदन में कुछ और लिखा है एवं नाम भी कुछ और है किन्तु जब एफआई आर दर्ज होती है तो उसमें मेरा नाम अभय मिश्रा के साथ मेरे राजनैतिक सहयोगियों का नाम लिखाया गया है। यह जिले में पुलिस की प्रैक्टिस में आ चुका है। पुलिस एवं मुकदमा के नाम पर लोगो को धमकाया फिर फसाया जाता है नीचे से थाना प्रभारी नाम एवं कहानी लिखकर पुलिस अधीक्षक रीवा को भेजकर जिला बदर करा दिया जाता है। इस तरह रीवा भय आतंक एवं अराजकता की ओर लगातार बढ़ रहा है। यह तभी संभव है जब सत्ता एवं व्यक्ति का लोकतंत्र में बदलाव हो ?
सेमरिया क्षेत्र में सभी विकास कार्य एवं जनहित कार्य को लगातार बांधित किया जा रहा है, विजली समस्या एवं गुण्डागर्दी व्याप्त है ।

मुकेश अवस्थी

प्रधान संपादक

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