कवर्धा मेडिकल कॉलेज शिलान्यास में जनपद उपाध्यक्ष, नगर पालिका उपाध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य क्रमांक-9 को नहीं मिला मंच

राजनीतिक गलियारों में दिनभर चर्चाओं का बाजार गर्म
कवर्धा में आज मुख्यमंत्री द्वारा बहुप्रतीक्षित मेडिकल कॉलेज शिलान्यास कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। मंच पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सहित गृह मंत्री विजय शर्मा की मौजूदगी ने कार्यक्रम को वीवीआईपी स्वरूप दिया। लेकिन मेडिकल कॉलेज से ज्यादा चर्चा मंच से गायब जनप्रतिनिधियों की रही।
अतिथि सूची में चयन, लेकिन चयनात्मक!
जानकारी के अनुसार कार्यक्रम में
पूर्व जनपद अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका अध्यक्ष
को अतिथि बनाया गया,
जबकि वर्तमान जनपद उपाध्यक्ष, नगर पालिका उपाध्यक्ष और जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक-9 के निर्वाचित सदस्य को न तो मंच मिला, न ही आमंत्रण पत्र।
प्रोटोकॉल के नाम पर अनदेखी?
सूत्रों का कहना है कि— संवैधानिक पदों पर बैठे इन जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज करना प्रोटोकॉल का सीधा उल्लंघन है।
चर्चा यह भी है कि कुछ पदाधिकारी अपने चेहरे और करीबी लोगों को आगे लाने के प्रयास में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को जानबूझकर कार्यक्रम से दूर रखते नजर आए।
सरपंच शामिल, लेकिन जिले के प्रतिनिधि बाहर!
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि
जहाँ ग्राम सरपंचों को अतिथि सूची में शामिल किया गया,
वहीं जिले और जनपद स्तर के प्रमुख निर्वाचित जनप्रतिनिधि मंच से नदारद रहे।
यह सवाल अब राजनीतिक गलियारों में गूंज रहा है—
👉 आखिर किसके इशारे पर नाम काटे गए?
दिनभर गरमाती रही सियासत
निमंत्रण विवाद को लेकर पूरे दिन—
विपक्ष ने इसे “जनप्रतिनिधियों का खुला अपमान” बताते हुए सत्ता पक्ष पर सीधा हमला बोला है।
अब सवाल जनता पूछ रही है—
क्या अतिथि सूची जानबूझकर बदली गई?
क्या यह गुटीय राजनीति का परिणाम है?
या फिर कार्यक्रम को “चेहरा-विशेष” तक सीमित रखने की रणनीति?
फिलहाल इस पूरे मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई, लेकिन इतना तय है कि मेडिकल कॉलेज से ज्यादा सुर्खियाँ ‘निमंत्रण विवाद’ ने बटोर ली हैं।
सत्ता के मौज में… सत्ता के लोग ही गायब!



