कवर्धामध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री के आथित्य में उल्लास नव भारत साक्षरता सप्ताह का अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर “उल्लास मेला” के साथ हुआ गरिमामय समापन

छत्तीसगढ़: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत लागू किए गए उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के प्रति जागरूकता फैलाने और समाज के सभी वर्गों में शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से 1 से 8 सितम्बर 2024 तक देशव्यापी साक्षरता सप्ताह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । जिसका समापन 8 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में किया गया। आज का यह कार्यक्रम माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन विष्णुदेव साय के मुख्य आतिथ्य, प्रभारी मंत्री केदार कश्यप की अध्यक्षता, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक पुरंदर मिश्रा, अनुज शर्मा, मोतीलाल साहू , गुरु खुशवंत साहेब एवं इंद्र कुमार साहू इन सभी के विशेष आतिथ्य में प्रारंभ हुआ। सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग तथा राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के तत्वाधान में आयोजित उल्लास मेले में बुनियादी साक्षरता हासिल करने के छत्तीसगढ़ प्रदेश के संकल्प और प्रयासों को दर्शाते विभिन्न संभागवार स्टॉल्स का अवलोकन किया गया। इसके पश्चात मंच पर दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ समारोह की शुरुआत हुई।

स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेसी ने अपने स्वागत भाषण में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए प्रदेश के उल्लास साक्षरता कार्यक्रम के संदर्भ में दस लाख साक्षर बनाने, 1 लाख वॉलंटियर्स एवं स्वयं सेवी शिक्षको को तैयार करने, प्रदेश में 1 लाख साक्षरता केंद्र खोलने जैसे लक्ष्य आधारित कार्यों से मंच एवं उपस्थित दर्शकों को अवगत कराया। इसके पश्चात प्रदेश में साक्षरता के बढ़ते कदमों को दर्शाती लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री जी एवं मंचस्थ विशेष अतिथि द्वारा उल्लास संबंधी पोस्टर, न्यूज लेटर, ब्रोशर एवं छत्तीसगढ़ की बोलियों में “उल्लास गीत” का विमोचन किया गया।
प्रदेश के नवसाक्षर एवं स्वयं सेवी शिक्षकों द्वारा उल्लास कार्यक्रम द्वारा आ रहे परिवर्तन और उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों से सभी को अवगत कराया, इस क्रम में श्रीमती सुकांती बाई , लोटापानी जशपुर, श्री शामनाथ नाग, देउर गांव, बस्तर ने जहां अपने विचार व्यक्त किए वहीं दिव्यांग शांतिबाई ठाकुर ने अपने पैरों से लिखकर सभी को प्रेरित किया। मुख्यमंत्री द्वारा शिक्षार्थी, स्वयंसेवी शिक्षकों एवं साक्षरता दूतों का शॉल एवं श्रीफल के साथ सम्मान किया गया। मुख्यमंत्री द्वारा उल्लास साक्षरता केंद्र का वर्चुअल शुभारंभ किया ।

कार्यक्रम के अध्यक्ष और प्रभारी मंत्री केदार कश्यप ने इस बात की प्रशंसा की,कि राज्य साक्षरता मिशन इतने अल्प बजट में भी बहुत प्रभावी कार्य करता है,उन्होंने एस.सी.ई.आर.टी द्वारा बहुभाषा शिक्षण में किये जा रहे कार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त की।
रायपुर लोकसभा के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए विद्यालयीन बच्चों से आव्हान किया कि वे अपने आस-पडोस के असाक्षर लोगों को साक्षर करें ताकि कोई उनकी असाक्षरता का लाभ न उठा पाए।
मुख्यमंत्री ने अपने उदबोधन में कहा कि साक्षर और असाक्षर के जीवन में बहुत अंतर होता है। उन्होंने अपने जीवन के प्रत्यक्ष अनुभवों को बताया कि किस तरह एक व्यक्ति के असाक्षर होने से उसका पग-पग पर शोषण होता है। उन्होंने बच्चों को प्रेरित किया कि असाक्षर व्यक्ति को साक्षर बनाने में योगदान दें क्योंकि शिक्षा एक ऐसी अनूठी वस्तु है जिसे आप जितना बाटेंगे वह उतनी ही बढती है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को प्रदेश में लागू करने के संकल्प की पूर्णता के साथ ही इस बात पर ख़ुशी व्यक्त की कि स्कूल शिक्षा विभाग पूरी गति से NEP 2020 के लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में जुटा हुआ है। उन्होंने सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों को “उल्लास शपथ” दिलाई। कार्यक्रम के अंत में सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, प्रबंध संचालक – समग्र शिक्षा, संचालक – एस.सी.ई.आर.टी एवं राज्य साक्षरता मिशन तथा संचालक – लोक शिक्षण द्वारा अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किये गए।

कार्यक्रम के अंत में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के संचालक राजेंद्र प्रसाद कटारा द्वारा आभार व्यक्त किया गया। पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन उल्लास कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण छत्तीसगढ़ के सहायक संचालक प्रशांत पांडेय एवं अकांक्षा अग्रवाल द्वारा किया गया।

मुकेश अवस्थी

प्रधान संपादक

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