कवर्धा में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया जश्ने ईद मिलाद-उन-नबी, जुलूस का जगह-जगह हुआ स्वागत।
कवर्धा: कवर्धा नगर में सोमवार को जश्ने ईद मिलाद-उन-नबी के मौके पर मुस्लिम समाज ने जुलूस निकाली और अपने आखिरी नबी हज़रत पैगम्बर मुहम्मद सहाब का जन्मदिन विलादत मनाया, इस दौरान जूलूस का जगह-जगह स्वागत हुआ और लंगर बाटे गए, इस जूलूस की अगवानी कवर्धा शाही इमाम मारुफ रज़ा मंजरी व मुस्लिम समाज ट्रस्ट के सदस्यों के द्वारा किया गया और बड़ी संख्या में समाज के नवजवान, बच्चे बुजुर्ग हाथ में इस्लामिक झंडा लेकर शामिल हुए, जुलूस कवर्धा के जामा मस्जिद से निकल कर सिग्नल चौक, रमन मेडिकल, महावीर स्वामी चौक, सराफा लाइन, करपात्री चौक, राज महल चौक, आम्बेडकर चौक होते एकता चौक पहुंची जहां जहां मुफ्ती मारुफ रज़ा मंजरी द्वारा मुहम्मद सहाब के दिए पैगाम को बताया फिर सलातों सलाम व फातिहा के बाद जुलूस सप्ताह कर लोग अपने अपने घर लौट गए।
कौन है पैगम्बर
पैगम्बर मुहम्मद सहाब स्लाम धर्म के खुदा अल्लाह द्वारा भेजे गए आखरी नबी है, जिन्होंने कुरान को दुनिया में लाया और अल्लाह के बताएं रास्तों पर चलने दुनिया में प्रचार किया, पैगम्बर का जन्म इस्लामिक कलेंडर के अनुसार 570 ई के आसपास 12 रबी अल- अव्वल को मक्का में हुआ इस दिन सुन्नी समुदाय मुस्लिम इनका जन्मदिन मानते हैं।
तीन दिन चला कार्यक्रम
ईद मिलाद-उन-नबी के मौके पर कवर्धा में 13 सितंबर को नगर के बीच पारा मोहल्ले में जलसा का क्रार्यक्रम रखा था 14 सितंबर को जामा मस्जिद में जलसे का प्रोग्राम रहा और 15 सितंबर को तकिया पारा में जलसा किया गया वहीं 16 सितंबर के सुबह 5 बजे फजर के नमाज के बाद जामा मस्जिद में पर्चम पोसाई कि गई जिसके बाद जामा मस्जिद में सुबह पांच बजे से मुहम्मद साहब के नूर मुबारक (बाल) को जियारत के लिए रखा गया दोपहर 2 बजे तक मर्दों ने दर्शन किया फिर 3 बजे से 4 बजे तक औरतों को जियारत कराई गई, वही सोमवार सुबह 10 बजे जामा मस्जिद से जुलूस निकाल कर नगर भ्रमण किया जो एकता चौक पहुंच कर समाप्त हुआ, वही रात्रि में सभी धर्म के औरत मर्दों के लिए कन्या शाला में भोजन का इंतजार रखा गया था। इस पुरे कार्यक्रम में जिला प्रशासन और पुलिस की टीम की अच्छी व्यवस्था रही और कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से चले।