
अपनी ही पार्टी के पार्षद को क्यों नही मिला कांग्रेस का वोट जनता के बीच बड़ा सवाल और चर्चा का विषय रहा।
राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस को सिर्फ 2 वोट बगावत या कुछ और?
बोड़ला – नगरीय निकाय चुनाव बोडला में भाजपा ने बाजी मारी अध्यक्ष पद के लिए विजय पाटिल ने बड़ी जीत हासिल की तो वहीं कांग्रेस पार्टी दो सीट पर सिमट कर रह गई,दो सीट पर निर्दलीय ने अपना कब्ज़ा जमाया। वार्ड क्रमांक 01 और 13 में निर्दलीय प्रत्याशी विजयी रहे तो वहीं वार्ड क्रमांक 02 और 04 पर कांग्रेस प्रत्याशी ने अपना कब्जा जमाया इन सब के बीच जनता के बीच चर्चा का विषय वार्ड क्रमांक 13 रहा जहाँ कांग्रेस मतदाता,कार्यकर्त्ता का गायब हो जाना था। गायब हो जाने का मतलब वार्ड 13 के प्रत्याशी को मत ना देना से है लगभग 168 वोट पड़े जिसमे निर्दलीय को 113 तो भाजपा को 53 वोट मिले और राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस को सिर्फ 02 वोट मिलना। कांग्रेस प्रत्याशी ने सिर्फ अपना ही वोट पाया इसके आलावा एक भी कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्त्ता का वोट पार्टी को ना मिलना चर्चा पर बना हुआ है। वार्ड क्रमांक 13 में कुछ कांग्रेशी अल्पसंख्यक मतदाता भी है जो खुले मंच पर अपने आप को कांग्रेस पार्टी का सच्चा व वफादार सिपाही बताकर ताल ठोंकते नजर आते है जो कट्टर कांग्रेसी होने का दावा करतें है, नगर की जनता में चर्चा ये भी होने लगी की ऐसे अल्पसंख्यक मतदाता ने कांग्रेस पार्टी के पार्षद प्रत्याशी को जिताने के लिए पार्टी के पक्ष में मतदान क्यों नही किया क्या ये कांग्रेस को जिताने के लिए नही भाजपा को हराने के लिए अपना मताधिकार का प्रयोग किये है? जिसका परिणाम वहाँ निर्दलीय प्रत्याशी का विजय होना है। वजह जो भी हो पर जनता के बीच दिनभर चर्चा जोरों पर रही अब देखने वाली बात है की क्या कांग्रेस पार्टी अपने कर्मठ कार्यकर्ताओं की क्या समीक्षा करते है।