खूब जम रही है पिता पुत्र की जोड़ी ड्यूटी के नाम से घर में आराम फरमाते हुए स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को दिखाते है ठेंगा कर्मचारी नेता होने का रौब इस लिए नहीं करते जिले के सीएमओ और कलेक्टर कार्यवाही

जिले के पोड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ नेत्र सहायक डॉ प्रभात कुमार गुप्ता और उनके नव पदस्थ संविदा बांड चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रखर दीप गुप्ता अपने कार्य स्थल पर कभी कभार दिखते है पिता पुत्र शासन द्वारा सभी जिलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एमबीएस उत्तीर्ण हुए डाक्टरों को संविदा बांड चिकित्सा अधिकारी के पद पर नियुक्ति की गई है जिससे स्वास्थ विभाग 24 घंटे चिकित्सा सुविधा आपातकालीन सेवाओं का लाभ जनता को मिल सके
परंतु जिले के मुख्य सड़क मार्ग पर जिला मुख्यालय से 13 किमी दूर पर स्थित ग्राम पोड़ी चिकित्सा अधिकारी के पदस्थापना होने के बाद भी पोड़ी वासी के लिए दुर्भाग्य हो गया है पदस्थ संविदा चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रखर दीप गुप्ता के दर्शन दुर्लभ हो गए हैं
न तो वे नियमित रूप से सेवा प्रदान करते हैं और न ही रात्रि कालीन में अपनी सेवा देते है

सीएमओ या बीएमओ की मिली भगत सस्ता प्रभारी का प्रभार क्यों नहीं लिए डॉ प्रखर दीप गुप्ता
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पोड़ी में पदस्थ संविदा बांड चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रखर दीप गुप्ता ने अब तक संस्था प्रभारी का प्रभार नहीं लिया है यह जांच एवं संदेह का विषय है
सूत्रों के अनुसार उनके पिता डॉ प्रभात कुमार गुप्ता इनकी पदस्थापना भी पोड़ी है और जिले के जाने माने कर्मचारी नेता भी हैं
डॉ प्रभात कुमार गुप्ता के द्वारा सीएमओ कवर्धा और बीएमओ बोडला पर अपने कर्मचारी नेता होने का रौब जानते हुए अपने एवं अपने पुत्र को अपनी मनमानी के हिसाब से ड्यूटी करने की पूरी छूट सीएमओ कवर्धा और बीएमओ बोडला से दिलवाए है ताकि अपने पुत्र डॉ प्रखर दीप गुप्ता घर में आराम से अपने उच्च शिक्षा एमडी एमएस की तैयारी कर सके
न रहते मुख्यालय में और न करते हैं ड्यूटी न एमएलसी अधिकतर रहते हैं नदारत
डॉ प्रखर दीप गुप्ता को उच्च अधिकारियों से सीएमओ और बीएमओ बोडला से खुल्ला संरक्षण प्राप्त होने के कारण वे न तो अपने पदस्थापना स्थल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मुख्यालय बना के निवास कर रहे न ही आपकी ड्यूटी निर्धारित समय पर करते जिससे सीएमओ कवर्धा और बीएमओ बोडला के कार्यप्रणाली मिली भगत अनेकों संदेह को जन्म देती है
वनांचल के चिकित्सा अधिकारी दे रहे है दिन रात अपनी सेवाएं
मुख्यालय बना रहने का नियम फिर भी मुख्यालय से 15 किमी दूर निवास करते है पिता पुत्र की जोड़ी सीएमओ बीएमओ की मिली भगत अनेक खबर अनेक शिकायत के बाद भी कार्यवाही नही
स्वास्थ विभाग में 24 घंटे अपनी सेवा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अधिकारी तत्पर रहते है
जिले के काई प्रथमिक स्वास्थ्य केंद्र में संविदा चिकित्सा अधिकारी की नियुक्ति हुई है जिसमें कई स्थानों पर रिपोर्टिंग के दौरान पता चला कि जिले के वनांचल ग्राम झलमल रेगाखार तरेगांव बैजलपुर चिल्फी और अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में संविदा चिकित्सा अधिकारी दे रात्रि में आपतकाल परिस्थि में भी अपनी सेवाएं दे रहे है
पर पोड़ी में पदस्थ संविदा चिकित्सा अधिकारी पर सीएमओ कवर्धा और बीएमओ बोडला का संरक्षण होने के कारण वे न तो पोड़ी में रहते है और न ही मुख्यालय बनाए ही बायोमेट्रिक लगाते है और न ही अपनी ड्यूटी करते है रात्रि में दिखते ही नहीं सीएमओ कवर्धा और बीएमओ बोडला की मिलीभगत और संरक्षण प्राप्त है
कौन है डॉ पीके गुप्ता जो हमेशा बने रहते है खबरों की सुर्खियों में क्यों हमेशा छूट दे कर रखे हैं सीएमओ कवर्धा भी है क्या पूर्ण दबाव में इसी लिए नहीं करते कार्यवाही
पोड़ी में पदस्थ नेत्र सहायक अधिकारी डॉ प्रभात कुमार गुप्ता जाने माने कर्मचारी नेता हैं
और कर्मचारी नेता होने के कारण वे अपने दायित्वों को पूरा नहीं करते हैं करते हैं जिला नोडल अधिकारी का प्रभार लेकर करते है आपके घर में आराम
डॉ प्रभात कुमार गुप्ता की पदस्थापना पोड़ी है वे न तो पोड़ी में आंखों की जांच करते है और न ही अपने
क्षेत्र के ग्राम में दौरा करते है अपने घर में निजी प्रैक्टिस और भेजते है आपरेशन के लिए निजी अस्पताल
कुछ माह पूर्व अखबार के प्रकाशित होने के बाद भी सीएमओ ने उनको निवास में लगे बोर्ड को हटवाकर सिर्फ खानापूर्ति की थी लेकिन सीएमओ कवर्धा को यह नहीं दिखा कि डॉ पीके गुप्ता का निवास उनके पदस्थापना स्थल से 15 किमी दूर है क्यों सीएमओ ने उन्हें आजतक उन्हें मुख्यालय में रहने के लिए नोटिस नहीं दिया क्या सीएमओ कवर्धा ने उच्च लेन देन कर डॉ पीके गुप्ता और उनके सुपुत्र डॉ प्रखर दीप गुप्ता को मुख्यालय में निवास न करने की छूट दे रखी है
करते है अपनी मनमानी कभी पोड़ी तो कभी फील्ड ड्यूटी तो कभी जिला चिकित्सालय में काम के बहाने से गायब रहते है डॉ पीके गुप्ता
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पोड़ी में पदस्थ डॉ पीके गुप्ता कमामचोरी एवं बहाने बाजी के मजे हुए खिलाड़ी है
न तो वे पोड़ी में आंखों की जांच करते है और न ही फील्ड दौरा के दौरान मोतियाबिंद मरीजों की खोज स्कूली बच्चों के नेत्र परीक्षण का कार्य भी नहीं करते है
छोटी जगह का बहाना बना अपने नाकामी पर पर्दा डालते है हमारे रिपोर्टर ने जब पूछा कि आप कितने मरीज देखे हो तो उन्हें बताया कि पोड़ी छोटी जगह है यहां कोई आंख जांच करवाने नहीं आते एकात अचन कोई आता है शासन द्वारा दिए वाले निशुल्क चश्मा और स्कूलों के बच्चों को दिए जाने वाले चश्मे को कभी नहीं बांटते हैं
निजी अस्पताल में आपरेशन और आंख जांच के लिए भेजने का संदेह मिलता है मोटा कमीशन
डॉ पीके गुप्ता जिला नोडल अधिकारी होने के कारण कुछ निजी अस्पताल के संपर्क में रहते है
और अस्पताल उन्हें उनके क्षेत्र के हुए मोतियाबिंद ऑपरेशन और आंख जांच किए मरीजों की जानकारी देते हैं जिसे डॉ पीके गुप्ता अपने किए हुए कार्य दक्षता की वाहवाही लूटते है जांच का विषय है कि अब तक जिला चिकित्सालय में पीके गुप्ता ने कितने अपने क्षेत्र के मोतियाबिंद ऑपरेशन करवाया है और कितने निजी अस्पताल में
अपने बरसों पुराने साथी की चश्मा दुकान में बैठे रहते हैं मिलती है चाय और सिगरेट के साथ चश्मे में मोटा कमीशन
नेत्र सहायक डॉ पीके गुप्ता आए दिन कवर्धा में अपने पुराने साथी की चश्मा दुकान में बैठे हुए नजर आते है जिसकी खबर भी प्रकाशित हुई थी पर धन के आगे सभी नर्मस्तक है इसी लिए सीएमओ ने पीके गुप्ता को और उनके पुत्र डॉ प्रखर दीप गुप्ता को संरक्षण दे के रखा है
काम न करना और सभी जगह दखल अंदाजी ताकि कर सके अपनी मनमानी
पीके गुप्ता आए दिन अपने घर में आराम फरमाते और दुकान में बैठे रहते हैं
कभी सीएमओ ऑफिस में मीटिंग और रिपोर्टिंग का बहाना बना कर पोड़ी नहीं जाते और कभी जिला अस्पताल में विशेष काम से आया हूं कर के अपने घर ने आराम करते हैं
आखिर क्यों जिले के सीएमओ ओर बीएमओ बोडला इतने मेहराबन हैं। डॉ पीके गुप्ता और उनके पुत्र डॉ प्रखर दीप गुप्ता पर क्या धन के आगे या मजबूरी के आगे नर्मस्तक हो गए है जिले के सीएमओ और बीएमओ बोडला