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टेस्ला को लुभाने में जुटे कई राज्य; महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और पंजाब ने अपने यहां प्लांट लगाने को बुलाया

नई दिल्ली। इलेक्टि्रक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला को लुभाने के लिए चार भारतीय राज्यों ने ना सिर्फ अपने दरवाजे खोले हैं बल्कि उसे प्लांट लगाने में हर तरह की मदद का भी आश्वासन दिया है। ये राज्य हैं महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और पंजाब। इन सभी राज्यों के कद्दावार मंत्रियों या नेताओं ने रविवार को इंटरनेट मीडिया के जरिये टेस्ला कंपनी के संस्थापक व सीईओ एलन मस्क से आग्रह किया है कि वह इनके राज्य को कार फैक्ट्री लगाने के लिए चयनित करें। तीन दिन पहले ही मस्क ने भारत में प्लांट लगाने की राह में बड़ी चुनौतियों का जिक्र किया था।

सबसे पहले पश्चिम बंगाल और तेलंगाना की तरफ से टेस्ला सीईओ को संदेश भेजा गया है। तेलंगाना के उद्योग मंत्री केटी रामाराव ने सीधे एलन मस्क को संबोधित करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘एलन, मैं तेलंगाना का उद्योग मंत्री हूं और हमें टेस्ला की भारत में प्लांट लगाने की चुनौतियों को कम करने और साझेदारी करने में खुशी होगी।’ इसके बाद पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यक व मदरसा शिक्षा मंत्री मोहम्मद गुलाम रब्बानी ने मस्क को अपने राज्य में आमंत्रित किया। हालांकि उनके इस ट्वीट के नीचे राज्य के विपक्षी दल के नेताओं ने टाटा मोटर्स की नैनो परियोजना की याद दिलाई जिसे स्थानीय विरोध की वजह से पश्चिम बंगाल छोड़ना पड़ा था।

पंजाब की तरफ से सिद्धू ने किया आमंत्रित

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री जयंत पाटिल ने लिखा कि उनका राज्य सबसे ज्यादा प्रगतिशील है। उनकी सरकार कंपनी को भारत में कारोबार शुरू करने में हर तरह की मदद देगी। उन्होंने सीधे तौर पर मस्क से कहा है कि वह महाराष्ट्र में अपना मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करें। इसके बाद रविवार को पंजाब राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने मस्क के तीन दिन पुराने ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा है कि पंजाब लुधियाना में इलेक्टि्रक वाहनों का हब स्थापित करेगी और निवेश प्रस्तावों को सिंगल विंडो सिस्टम के तहत मंजूरी दी जाएगी।

बनी हुई कारों के आयात के लिए विशेष रियायत चाहते हैं मस्क

केंद्र सरकार पहले ही कह चुकी है कि दिक्कत टेस्ला की तरफ से है जो मौजूदा सीमा शुल्क दरों को एक कंपनी के लिए कम करने का दबाव बना रही है। वह पूरी तरह से बनी हुई कारों को भारत लाने पर मौजूदा शुल्क की दर 110 प्रतिशत को घटाकर 40 प्रतिशत किया जाए। केंद्र का कहना है कि उसने इलेक्टि्रक कारों के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए पीएलआइ स्कीम लागू की है जिसका फायदा कंपनी उठा सकती है।

मुकेश अवस्थी

प्रधान संपादक

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