कवर्धामध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़

कबीरधाम जिले के नवपदस्थ कलेक्टर गोपाल वर्मा ने जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा तथा आदिवासी बच्चों के साथ किया भोजन

आदिवासी-बैगा बच्चों ने भोजन से पहले मंत्र उच्चारण किया, कलेक्टर ने बच्चों का साथ दिया और एक साथ जमीन पर बैठक भोजन किया

कलेक्टर  गोपाल वर्मा अपने क्षेत्र भ्रमण के पहले दिन जिले के आदिवासी तथा बैगा बाहुल्य बोड़ला विकासखण्ड के सुदूर वनांचल ग्राम मुड़घुसरी मैदान पहुँचे

कलेक्टर ने ग्राम मुड़घुसरी मैदान के संचालित आदिवासी कन्या आश्रम का निरीक्षण किया

बैगा तथा आदिवासी बच्चों में पुलिस, डॉक्टर, शिक्षक, और कलेक्टर बनाने की इच्छा जाहिर की

कलेक्टर ने बच्चों के बौद्धिक तथा शारीरिक विकास के लिए विशेष जोर दिया, कहा सबसे पहले शरीर को स्वस्थ्य रखना हम सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए

कलेक्टर ने बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए पाठ्यक्रम के साथ-साथ जिले और प्रदेश के पुरातत्व, पर्यटन, संस्कृति तथा प्रमुख महोत्सव के बारे में बताने के लिए कहा

कवर्धा, कबीरधाम जिले के नवपदस्थ कलेक्टर  गोपाल वर्मा ने क्षेत्र भ्रमण की शुरूआत आज जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा तथा आदिवासी बाहूल्य बोड़ला विकासखण्ड के सुदूर तथा दुर्गम वनांचल क्षेत्र मुड़घुसरी मैदान से औचक निरीक्षण कर की। उन्होंने ग्राम मुड़घुसरी में संचालित आंगनबाड़ी, आदिवासी कन्या आश्रम का औचक निरीक्षण किया और बच्चों से बड़े ही आत्मीयता से बातचीत की। कलेक्टर श्री वर्मा ने कन्या आश्रम में पढ़ाई कर रहे बच्चों के साथ जमीन पर बैठकर एक साथ मध्यान्ह भोजन कर भोजन गुणवत्ता की जांच की। आदिवासी तथा बैगा बच्चों ने भोजन से पहले मंत्र का उच्चारण करने हुए भोजन की शुरूआत की। बच्चों के साथ कलेक्टर ने भी अन्नपूर्णा माता की स्तुति करते हुए मंत्रउच्चारण किया।
कलेक्टर  गोपाल वर्मा ने भोजन के बाद कन्या आश्रम का निरीक्षण किया। बच्चों के लिए उपलब्ध बेड, चादर, स्वच्छ पानी की व्यवस्था सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं की पूरी जानकारी ली। उन्होंने बच्चों से चर्चा करते हुए उनके पाठ्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी ली। कलेक्टर ने शिक्षकों से चर्चा करते हुए बच्चों के सर्वागीण पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक विकास के लिए शिक्षकों को उनके पाठ्यक्रम के साथ-साथ जिले और प्रदेश के प्रमुख पर्यटन, पुरातात्विक धरोहर, सांस्कृतिक विरासत, तथा प्रमुख महोत्सवों से बारे में जानकारी देने के लिए कहा, ताकि बच्चों का सामान्य ज्ञान बढ़े और उनका रूझान पढाई के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उनके मानसिक विकास हो। बच्चों को नियमित व्यायाम, खेलकूद और सही आहार की आदतें अपनानी चाहिए। इसके साथ ही, शिक्षा के साथ-साथ खेलों को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए, ताकि वे समग्र रूप से विकसित हो सकें।
कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान आदिवासी कन्या आश्रम में अध्यनरत बच्चों से चर्चा करते हुए खुब पढ़ाई करने और गांव, जिला, अपने प्रदेश और अपने-अपने माता-पिता का नाम रौशन करने के लिए प्रोत्साहित किया। चर्चा के दौरान आदिवासी’-बैगा बच्चों ने पुलिस, डाक्टर, शिक्षक, और कलेक्टर बनने की इच्छा जाहिर की। कलेक्टर ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ हमे एक कामयाब होने के लिए अपने स्वस्थ अच्छा रखना होगा। हमे ऐसे पदार्थों का सेवन नहीं करना है,जो हमारे शारीरिक तथा मानसिक विकास के लिए गतिरोधक और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो। निरीक्षण के दौरान डिप्टी कलेक्टर  बीआर देवांगन, सहायक संचालक शिक्षा  महेन्द्र गुप्ता एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

मुकेश अवस्थी

प्रधान संपादक

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